मूर्खों की टोलियां करती है रिसर्चबड़ी-बड़ी समस्याओं पर प्रस्तुत हो चुकी रिसर्च

दुनिया को समय-समय पर मूर्खों के ज्ञान का लाभ मिलता रहा है।  कितनी भी बड़ी समस्या आ जाए  इसको लेकर ज्ञान का भंडार हमको प्राप्त होता रहा है।  ताजा उदाहरण है कोरोना काल।
कोरोना काल के दौरान मूर्खों की कई रिसर्च सामने आई है। तो मूर्खों से प्राप्त सहेजी गई रिसर्च  का घड़ा हम आपके सिर पर फोड़ने जा रहे हैं।
कोरोना काल शुरू हुआ तो सबसे पहले बात आई मास्क लगाने की।
इसको लेकर मूर्खों की पूरी टोली ने रिसर्च की और फिर कहा कि मास्क लगाने से दमा हो जाता है इसलिए मास्क नहीं लगाएं।
जब पिछले एक महीने पहले अप्रैल से मौतें होना शुरू हुई तो फिर डरे हुए अधिकांश मूर्खों ने मास्क लगाना शुरू कर दिया। इसके बाद इस मामले में नया अपडेट नहीं आया है।
मूर्खों की एक रिसर्च से यह भी सामने आया कि इस बीमारी से केवल अमीरों की मौत हुई है।                                वैक्सीन को लेकर भी जबरदस्त रिसर्च की गई है मूर्खों की टोली का कहना है कि वैक्सीन नहीं लगवाएं क्योंकि वैक्सीन लगवाने से लोग अंधे हो रहे हैं और मौतें भी हो रही है। इसका असर यह है कि कई सारे लोगों ने वैक्सीन लगाने से इनकार कर दिया।
- मूर्खों का एक सवाल यह भी है कि जो लोग सतर्क रह रहे हैं उन्हें भी तो कोरोना हो रहा है तो सतर्क रहने की जरूरत नहीं है।
इसी तरह की ज्ञानवर्धक बातों के लिए जुड़े रहिए मूर्खों की टोली से।
अपनी किसी भी समस्या के समाधान के लिए आप मूर्खों से संपर्क कर सकते हैं हालांकि इनका कोई फोन नंबर नहीं है बस अपनी समस्या व्हाट्सएप या अलग-अलग मंचों पर रखें। धीरे-धीरे आपको समस्या का समाधान मिलने लगेगा।