गैर जरूरतमंद के बोगस बीपीएल राशनकार्ड बन गए पर जरूरतमंद नेत्रहीन राजेश का नही बन रहा!

       बकलोल : सिस्टम गजब है
बैतूल। बीपीएल राशन कार्ड में बोगस हितग्राही का मसला हमेशा सामने आता है और शासन इन्हें चिन्हित कर हटाने का अभियान भी चलाती है पर वास्तविक जरूरतमंद को चिन्हित कर उसका राशन कार्ड नही बनवाती है। ऐसे ही एक जरूरतमंद की कहानी फ़ोटो जर्नलिस्ट जय मालवीय ने बताई। माचना नगर में रहने वाला नेत्रहीन राजेश वट्टी है। इसकी पत्नी भी नेत्रहीन है। शायद दो बच्चे भी है। खुद्दार आदमी है इसलिए मेहनत कर गुजर बसर करता है । पहले यह दम्पति पत्तल बनाकर अपनी रोजी रोटी चलाते थे अब सब्जी बेचकर गुजर बसर कर रहे। वर्तमान में दो माह से ज्यादा के लॉक डाउन में सब्जी का काम धंधा भी नही हो रहा। ऐसे में घर चलाना मुश्किल हो रहा। इनके पास बीपीएल श्रेणी का राशनकार्ड भी नही है, यदि यह कार्ड होता तो भी इन्हें इस दौर में कुछ तो मदद मिलती। कार्ड के लिए आवेदन भी किया था पर बना ही नही। 
राजेश बट्टी का मामला करीब आठ माह पहले भीम सेना के तक्षित सोनारे भी उठा चुके पर किसी के कान में जू नही रेंगी। वही साँझवीर और राजवीर टाइम्स ने भी इस नेत्रहीन की आवाज को उठाया था। दूसरे फेस का कोरोना और लॉक डाउन आ गया पर गरीब का राशनकार्ड नही बना। यह मामला बताता है कि जो लोग सेवा का ढिढोरा पीटकर वोट की राजनीति करते है वह महज दिखावा करते है , उनके पालतू चंगु मंगू भी केवल बोगस प्रचार करते है उन्हें ऐसे वास्तविक जरूरत मन्द से कोई सरोकार नही है। यह गरीब किसी से दान पुण्य की अपेक्षा नही रख रहा वह केवल यह चाहता है कि उसका नियम प्रक्रिया से राशन कार्ड बनवा दिया जाए जिससे उसे शासकीय योजना का लाभ मिल सके, जो कि कायदे से उसका हक भी है।