बकलोल : ताकि सनद रहे कांग्रेस पदाधिकारी ने उठाए जिला कांग्रेस और विधायक की आपदा में भूमिका पर सवाल बैतूल। आपदा के इस मौके पर कौन जिम्मेदार अपनी क्या अपनी भूमिका तय कर रहा यह तो इतिहास तय करेगा पर उनकी भूमिका पर गम्भीर सवाल उठ रहे है। जैसे एक कांग्रेस पदाधिकारी की फेसबुक पोस्ट से ही स्पष्ट हो रहा। सारणी के एक कांग्रेस नेता है पिंटिस नागले, शायद ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष है । उन्होंने जिला कांग्रेस और कांग्रेस के चारो विधायक को आड़े हाथ लिया है। खुले तौर पर लिखा है कि जिस तरह छिंदवाड़ा में कांग्रेस और उसके विधायक मनमानी और लचर सिस्टम को लेकर धरने पर बैठे और उसके बाद वहां कैसे सुधार हुआ ? उक्त कांग्रसी की यह पीढ़ा जाहिर करती है कि जिले में कांग्रेस और विधायक अपने विपक्ष धर्म का पालन नही कर रहे। यह बात कई मौके पर साबित भी हो चुकी है। इन जिम्मेदार में तो ऐसे भी है जिनके वैतनिक कर्मचारी सवाल करने वालो से सवाल करते और घटिया ट्रोलर की तरह लांछन लगाने की हरकत दिखा कर कांग्रेस की छवि भी धूमिल करते है। खैर कुछ मुद्दे है जिन पर लोगो को भी लगता है कि विपक्ष को मुखर आवाज उठानी चाहिए ..जैसे 1. जिन निजी अस्पताल में लगातार मनमानी फीस वसूल की जा रही, उन पर नामजद बोलना चाहिए 2. रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी और उसका डिटेल सार्वजनिक न होने पर बोलना चाहिए 3. राशन और किराने में जो थोक व्यापारी मनमाने रेट बढाकर महंगाई बढ़ा रहे, उस पर बोलना चाहिए 4. कृषि उपज मंडी बन्द है वही सब्जी की थोक मंडी भी बडोरा में बंद कर दी इससे किसानों को नुकसान है वही उपभोक्ता को भी मंहंगी सब्जी मिल रही, उस पर खुलकर बोलना चाहिए 5. बडोरा मंडी में कुछ आलू प्याज के थोक व्यापारी को संरक्षण बाकी को हड़काने पर बोलना चाहिए 6.वैक्सिनेशन के सिस्टम और आम लोगो को हो रही परेशानी पर सवाल करना चाहिए । सवाल और भी है पर यह सब अलग अलग माध्यम से सर्व विदित मुद्दे है। इन मुद्दों पर मौन रहना या इसे अंडर प्ले करना मतदाता से अन्याय है। जैसे विवादित सरकारी रेट लिस्ट में एक गोल मोल ज्ञापन पर्याप्त नही बल्कि नामजद बात होनी चाहिए। पिंतिश नागले की पोस्ट का यही मर्म है..जो आसानी से समझ आता है..

बकलोल : ताकि सनद रहे 
कांग्रेस पदाधिकारी ने उठाए जिला कांग्रेस और विधायक की आपदा में भूमिका पर सवाल 
बैतूल। आपदा के इस मौके पर कौन जिम्मेदार अपनी क्या अपनी भूमिका तय कर रहा यह तो इतिहास तय करेगा पर उनकी भूमिका पर गम्भीर सवाल उठ रहे है। जैसे एक कांग्रेस पदाधिकारी की फेसबुक पोस्ट से ही स्पष्ट हो रहा। सारणी के एक कांग्रेस नेता है पिंटिस नागले, शायद ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष है । उन्होंने जिला कांग्रेस और कांग्रेस के चारो विधायक को आड़े हाथ लिया है। खुले तौर पर लिखा है कि जिस तरह छिंदवाड़ा में कांग्रेस और उसके विधायक मनमानी और लचर सिस्टम को लेकर धरने पर बैठे और उसके बाद वहां कैसे सुधार हुआ ? उक्त कांग्रसी की यह पीढ़ा जाहिर करती है कि जिले में कांग्रेस और विधायक अपने विपक्ष धर्म का पालन नही कर रहे। यह बात कई मौके पर साबित भी हो चुकी है। इन जिम्मेदार में तो ऐसे भी है जिनके वैतनिक कर्मचारी सवाल करने वालो से सवाल करते और घटिया ट्रोलर की तरह लांछन लगाने की हरकत दिखा कर कांग्रेस की छवि भी धूमिल करते है। 
खैर कुछ मुद्दे है जिन पर लोगो को भी लगता है कि विपक्ष को मुखर आवाज उठानी चाहिए ..जैसे 
1. जिन निजी अस्पताल में लगातार मनमानी फीस वसूल की जा रही, उन पर नामजद बोलना चाहिए 
2. रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी और उसका डिटेल सार्वजनिक न होने पर बोलना चाहिए 
3. राशन और किराने में जो थोक व्यापारी मनमाने रेट बढाकर महंगाई बढ़ा रहे, उस पर बोलना चाहिए 
4. कृषि उपज मंडी बन्द है वही सब्जी की थोक मंडी भी बडोरा में बंद कर दी इससे किसानों को नुकसान है वही उपभोक्ता को भी मंहंगी सब्जी मिल रही, उस पर खुलकर बोलना चाहिए 
5. बडोरा मंडी में कुछ आलू प्याज के थोक व्यापारी को संरक्षण बाकी को हड़काने पर बोलना चाहिए 
6.वैक्सिनेशन के सिस्टम और आम लोगो को हो रही परेशानी पर सवाल करना चाहिए । 
सवाल और भी है पर यह सब अलग अलग माध्यम से सर्व विदित मुद्दे है। इन मुद्दों पर मौन रहना या इसे अंडर प्ले करना मतदाता से अन्याय है। जैसे विवादित सरकारी रेट लिस्ट में एक गोल मोल ज्ञापन पर्याप्त नही बल्कि नामजद बात होनी चाहिए। 
पिंतिश नागले की पोस्ट का यही मर्म है..जो आसानी से समझ आता है..