एनएसयूआई ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से डायरेक्टर को हटाने की मांग

एनएसयूआई ने भोपाल एम्स के बिगड़ते हुए हालात का जिम्मेदार डायरेक्टर को बताया।          भोपाल -: एनएसयूआई ने आज फिर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिख कहा कि भोपाल रेड जोन में है यहां पर विशेष एहतियात बरतने की आवश्यकता थी  एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक रवि परमार ने  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिख कहा कि भोपाल में शासकीय एकमात्र एम्स चिकित्सालय को ही कोरोनावायरस का इलाज करने की अनुमति है पूरे भोपाल संभाग के आम लोगों की उम्मीद है कि यहां रेड जोन से बाहर निकलने में मदद करेगा और यहां मेडिकल स्टाफ अपनी जान हथेली पर रखकर महामारी से लड़ने में लगा हुआ है रवि परमार ने डायरेक्टर पर आप आरोप लगाते हुए कहा कि जो मेडिकल स्टाफ लगातार अपनी जान  हथेली पर रखकर मरीजों की जान बचा रहा है  मेडिकल स्टाफ से निरंतर सेवा तो ली जा रही है उनका दोहन तो किया जा रहा है लेकिन उनकी मूलभूत आवश्यकता को पूरा नहीं किया जा रहा है ना ही उनकी ठीक से रहने की व्यवस्था है ना ही ठीक से खाने की व्यवस्था है
 परमार ने बताया कि जिस हॉस्टल में स्टाफ को क्वॉरेंटाइन किया गया है उस हॉस्टल के स्टाफ लगातार पॉजिटिव आने के बावजूद भी हॉस्टल को ना तो खाली करवाया गया ना ही ठीक तरीके से पूरा सैनिटाइज करवाया गया ।जिससे की कोरोना महामारी से लड़ने वाला हमारा सिपाही जो कि मेडिकल स्टाफ उसनी जान खतरे में है लगातार मेडिकल स्टाफ खुद कोरोना पॉजिटिव होता जा रहा है जिससे कि भयावह  स्थिति बनती जा रही हैअगर हमारे पास मेडिकल स्टाफ ही नहीं बचेगा तो हम इस कोरोना महामारी से कैसे लड़ेंगे तत्काल कार्रवाई करते हुए अयोग्य  डायरेक्टर को हटाकर योग्य डायरेक्टर की नियुक्ति की जाए जोकि प्रभावी तरीके से स्थिति को संभाल सकें।रवि ने  स्टाफ खाने की समस्या से अवगत कराते हुए कहा कि कोरोना योद्धाओं की वेज थाली में अंडे का छिलका निकला जिससे कि यहां साफ जाहिर हो जाता है कि खाना पकाने वाली जगह पर कितनी लापरवाही बरती जा रही और खाने की गुणवत्ता पर भी बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है अगर इसकी शिकायत कोई करता है तो पूरी टीम शिकायत पर ना ध्यान देकर शिकायत करने वाले की तलाश में जुट जाती हैं और उसके ऊपर गलत आरोप लगाकर उसको वहां से हटा दिया जाता है रवि ने कहा कि एम्स  भोपाल मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहा है कुछ दिनों पहले एक कोरोना मरीज बिना विशेषज्ञों की टीम और सुरक्षा उपकरणों के बिना सर्जरी कर दी गई सर्जरी के 2 दिन बाद ही मरीज की मृत्यु हो गई बिना किसी विशेषज्ञों टीम के बुलाए सर्जरी करना नहीं चाहिए था लेकिन डायरेक्टर ने अपनी मनमानी के चलते सर्जरी करवाई और पेशेंट को अपनी जान गवानी पड़ी  रवि परमार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से डायरेक्टर को तत्काल प्रभाव से डायरेक्टर को हटाने की मांग की और योग्य डायरेक्टर को नियुक्त करने का कहा जो कि मध्यप्रदेश और भोपाल की स्थिति को सुधारने में प्रभावी तरीके से कार्य करें |