मछुआरों द्वारा सरकार के आदेश को दिखाया जा रहा है ठेंगा

झगवां/सीधी :  जहां एक तरफ हिंदुस्तान ही नहीं अपितु पूरे विश्व कोरोना वायरस जैसे महामारी से जूझ रहा है, एवं मोदी जी के आह्वान पर जहां एक तरफ लॉक डाउन का पालन हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ सीधी जिला के अंतर्गत ग्राम पंचायत मझगवां के तलाव के पास निवास कर रहे "मछुआरा त्रिवेणी प्रसाद सिंगरहा" मछली मार कर जमघट लगा कर शराब एवं मछली बनाकर शराबियों को एकजुट करता है। 


जबकि सरकार का आदेश है अपने घर में रहें। जहां एक चाय समोसे की दुकान तक नहीं खुलती है, जरूरी सामग्री छोड़कर।


वहां से निकलने वाले व्यक्तियों से त्रिवेणी प्रसाद द्वारा अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता है। यह घटना तब उजागर हुई जब वहां से पत्रकार तेज बहादुर सिंह परिहार गुजर रहे थे। लेकिन दारू के नशे में त्रिवेणी प्रसाद द्वारा अभद्र शब्दों का प्रयोग किया जा रहा था। पत्रकार तेजबहादुर द्वारा कहा गया आप सरकार के आदेश का पालन करिए तो मछुआरे द्वारा यह कहा गया कि मेरा 10 साल का पट्टा है। मोदी नहीं मोदी का बाप भी आ जाए मेरा कुछ नहीं कर पाएगा। नशे में चूर मछुआरा देश के प्रधानमंत्री को भी चुनौती दे रहा था, साथ ही पत्रकार तेजबहादुर को धमकी दे रहा था कि  आप जैसे "नेता पत्रकार" रोज पैदा करता हूं और बनाता हूं। मेरी जहां भी शिकायत करना हो कर दो, एसडीएम कलेक्टर के पास इस सरकारी तालाब का पट्टा है मेरे नाम से। मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। 10 साल के बाद मुझे हटा देना। मेरी शिकायत पहले भी गांव वालों ने करने की कोशिश की तो क्या कर लिए ? इसीलिए तुम मुझे यहां आकर कोरोना का ज्ञान मत दो।


आपको बता दें कि इस मछुआरे से पूरा गांव परेशान है। तालाब के समीप से गुजरने वालों के साथ अभद्र शब्दों का प्रयोग अब आम बात हो चुकी है। अभी कुछ महीने पहले तेजबली तिवारी द्वारा मवेशियों को पानी पिलाने के लिए तालाब में ले जाया गया तो मछुआरे त्रिवेणी प्रसाद द्वारा गाली गलौज करके भगाया गया। वही इसके पूर्व तालाव के प्रकरण में भी सरपंच सचिव या ग्रामीणों के बीच में इसके संबंध की शिकायत सीएम हेल्पलाइन से लेकर कलेक्टर तक पहुची थी। लेकिन उसके बाद भी मत्स्य विभाग के अधिकारियों से परिचय होने के कारण बचने में पूर्ण सफल हो गया और पूरे गांव वालों को दोषी ठहरा कर गाली देता है। जिससे अब प्रशासन से सभी ग्रामीण विश्वास खोते जा रहे हैं। अब देखना होगा कि क्या ऐसे व्यक्तियों पर कोई कार्यवाही की जाएगी या नहीं? जो लोग अपनी जान पहचान के बल पर इस प्रकार से गुमान में होते हैं कि देश के प्रधानमंत्री को भी अपमानित करने से बाज नहीं आते हैं। क्या अब प्रशासन कोई संज्ञान लेगा? क्या लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले लोगों पर त्वरित कार्रवाई होगी या नहीं?