महिला से चर्चा कर तीन बार लिया जाएगा फीडबैक पुलिस मुख्यालय की महिला अपराध शाखा द्वारा महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न एवं घरेलू हिंसा से संबंधित आपराधिक प्रकरणों में पीडि़त महिलाओं से फीडबेक लेने की प्रक्रिया शुरू की गई है। पुलिस महानिदेशक श्री विजय कुमार सिंह के निर्देश पर पीडि़त महिलाओं की समस्याओं का समाधान, आम जनता में पुलिस कार्यवाही के प्रति विश्वास बढ़ाने और महिलाओं को जरूरत के मुताबिक कानूनी सहायता मुहैया कराने के मकसद से यह अभिनव व्यवस्था लागू की गई है। इस व्यवस्था के तहत पीडि़त महिलाओं से बातचीत कर तीन बार फीडबैक लिया जा रहा है। यह फीडबैक महिला हेल्पलाइन-1090 के स्टाफ द्वारा लिया जाता है। पीडि़त महिला से फीडबैक लेकर यह पता लगाया जाता है कि पुलिस कार्यवाही से वह संतुष्ट है कि नहीं। साथ ही उसकी समस्याओं का समाधान भी पुलिस के जरिए कराया जा रहा है। खासतौर पर रिपोर्ट लिखाते समय महिलाओं को होने वाली दिक्कतों का समाधान, मॉडल एक्शन प्लान व एसओपी(स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) के अनुसार अपराध पंजीयन एवं विवेचना में पुलिस कार्रवाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह अभिनव व्यवस्था मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा लागू की गई है। पुलिस मुख्यालय की महिला अपराध शाखा से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पीडि़त महिला से पहला फीडबैक अपराध पंजीबद्ध होने के 48 घंटे के भीतर लिया जा रहा है। इस प्रक्रिया के जरिए मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा संवेदनशीलता के साथ पीडि़त महिला की मदद एवं उसकी समस्या का समाधान किया जाता है। दूसरा फीडबैक अपराध पंजीबद्ध होने के एक माह के भीतर और तीसरा फीडबैक चार्ज शीट दाखिल होते समय लेने का निर्णय लिया गया है। प्रश्न के जरिए लिया जाता है फीडबैक पीडि़त महिलाओं से फीडबैक लेने के लिए पुलिस मुख्यालय की महिला अपराध शाखा द्वारा 10 स्टैंडर्ड प्रश्न निर्धारित किए गए हैं। महिला से खासतौर पर यह पूछा जाता है कि रिपोर्ट लिखाने के लिए उसे कितनी बार थाने में जाना पड़ा। थाने में पुलिस का व्यवहार कैसा था। एफआईआर की प्रति नि:शुल्क व तुरंत मिली अथवा नहीं। साथ ही यह भी पूछा जाता है कि पुलिस कार्रवाई से वह संतुष्ट है कि नहीं। इसके अलावा अन्य प्रकार के प्रश्न भी उससे पूछे जाते हैं।प्र् बतौर अब तक लगभग 200 पीडि़त महिलाओं से लिया फीडबैक लैगिंक एवं घरेलू हिंसा से पीडि़त प्रदेश की लगभग 200 महिलाओं से अब तक प्रयोग बतौर फीडबैक लिया गया है। इनमें से लगभग 95 प्रतिशत महिलाओं ने पुलिस कार्रवाई के प्रति संतोष जताया है। साथ ही परामर्शदाताओं की कार्रवाई के प्रति भी उन्होंने संतुष्टी जाहिर की है। जिन महिलाओं ने असंतुष्टि जताई थी उस क्षेत्र के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए है कि संबंधित थाने के स्टाफ के व्यवहार में प्रशिक्षण के जरिए सुधार लाएं। पुलिस स्टाफ को महिलाओं के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाने के लिए विशेष रूप से ताकीद करें।