मेल नर्स का आरक्षण खत्म करना देश के लिए घातक- रवि परमार

मेल नर्सों के समानता के अधिकार का हनन कर रही है केंद्र सरकार- रवि परमारNSUI मेडिकल विंग के समन्वय रवि परमार ने केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के उस निर्णय की घोर भर्तस्ना की है जिसमे केंद्र सरकार ने मेल नर्सों को 20% और महिला नर्सो को 80% आरक्षण एम्स की भर्ती में दिया है।


परमार ने बताया कि केंद्र की मोदी सरकार ने मेल नर्सों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए केंद्रीय इंस्टीट्यूट बॉडी की मीटिंग करके देश के सभी एम्स अस्पतालों में मिलने वाले 50-50 % आरक्षण को खत्म कर दिया है। यह संविधान के खिलाफ है। 


परमार ने कहा कि पहले मेल नर्सों को एम्स में 50% आरक्षण मिलता था जो अब नए नियम के अनुसार मात्र 20% रह गया है। 80% आरक्षण महिला नर्सों को दे दिया गया है जो समानता के अधिकार का उल्लंघन है।


परमार ने कहा कि वैसे ही देश के अधिकतर मेल नर्स बेरोजगारी की चपेट में हैं और रोजगार की तलाश में भटक रहे हैं ऐसे में केंद्र सरकार का ये फैसला उन बेरोजगारों में हताशा भर देगा और कोई भी ऐसे प्रोफेशन में आना पसंद नही करेगा।


परमार ने कहा कि हम केंद्र की सरकार से अनुरोध करते हैं कि मेल और फीमेल नर्सों को बराबरी का आरक्षण दिया जाए नही तो पूरे प्रदेश के मेल नर्स इस फैसले के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ सड़कों पर होंगे।