कलेक्टर को नही पता ध्वजारोहण और झंडा फहराने में क्या है फर्क ।

15 अगस्त और 26 जनवरी की बेसिक जानकारी से अंजान कलेक्टर एवं  प्रशासन


हर वर्ष 15 अगस्त को स्वतन्त्रता दिवस एवं 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इस बार भी 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया लेकिन हैरत की बात ये है कि जिला कलेक्टर को 15 अगस्त और 26 जनवरी में तिरंगे के अलग अलग महत्त्व का अंतर नही पता। कलेक्टर को नही पता कि ध्वजारोहण और झंडा फहराने में क्या अंतर है और इसका कारण क्या है? ऐसा लगता है कि सिर्फ एक रिवाज के तौर पर 15 अगस्त या 26 जनवरी को मनाया जाता है। जब ध्वजारोहण और झंडा फहराने में अंतर के सम्बंध में कलेक्टर से पूंछा गया तो उन्होंने पहले तो कैमरे के सामने अपनी बात कही लेकिन जब उन्हें अहसास हुआ कि खबर प्रकाशित होने पर ध्वजारोहण और झंडा फहराने में पाई जाने वाली भिन्नता एवं कारण की जानकारी के अभाव की पोल खुल जाएगी तब कलेक्टर ने खबर रुकबाने के उद्देश्य से उक्त वीडियो डिलीट करवाने के मकसद से 4 आईएएस अधिकारियों को भेजा, जिन्होंने बाइट लेने वाले पत्रकारों को कलेक्टर कक्ष के बाहर घेर लिया ओर मोबाइल से उक्त वीडियो डिलीट कर दिया।ये है ध्वजारोहण एवं झंडा फहराने में भिन्नता और इसका कारण--15 अगस्त को देश आजाद हुआ था। इस कारण 15 अगस्त के दिन अंग्रेजो के झंडे को उतारकर भारत के तिरंगे को चढ़ाया गया और फहराया गया । इस प्रक्रिया को ही "ध्वजारोहण" कहते है। जबकि छोटी बड़ी रियासतों को जोड़कर भारत को एक देश के रूप में गढ़ा गया इसलिए 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाते है लेकिन इस दिन तिरंगे को फहराते है। 15 अगस्त एबं 26 जनवरी में ऐसी 6 भिन्नताएं है। इतनी महत्वपूर्ण जानकारी जिले की मुखिया कलेक्टर को न होना बहुत ही गम्भीर खामी है।