देवरी क्षेत्र में यूरिया खाद का संकट गहराया।

देवरी कला ।बारिश होने के साथ  गेहूं लहसुन प्याज की फसलों में  यूरिया की मांग बढ़ गई है। देवरी क्षेत्र में यूरिया खाद का संकट गहराता जा रहा है किसान फसलों में यूरिया खाद डालने के लिए दिन भर भटकते रहते हैं लेकिन किसानों को यूरिया खाद उपलब्ध ना होने से तीव्र आक्रोस  पनप रहा  है  गुरुवार को बारिश होने के बाद फसलों में यूरिया खाद की मांग बढ़ गई है किसान अपनी फसल का उत्पादन बढ़ाने के लिए यूरिया खाद की आवश्यकता महसूस कर रहा है लेकिन किसानों को जरूरत पर खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है पिछले एक माह से मंडी में वितरण संघ द्वारा यूरिया खाद का वितरण सप्ताह में एक या दो दिन किया जाता  है जिसमें किसान दिनभर लाइन में लगे रहते हैं और उन्हें बमुश्किल एक या दो बोरी खाद की बोरी उपलब्ध हो पाती है यूरिया खाद उपलब्ध कराने में स्थानीय प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी विफल साबित हो रहे हैं क्योंकि हजारों की संख्या में किसान खाद लेने के लिए मंडी पहुंच रहा है और उन्हें खाद ना मिलने से भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है किसान खाद न मिलने से परेशान है और प्रदेश सरकार को  कोस रहे  हैं वही स्थान खाद विक्रेता कि यहां खाद उपलब्ध नहीं है खुले बाजार में खाद उपलब्ध ना होने के कारण सबसे अधिक परेशानी बढ़ गई है वहीं सरकारी समितियों में खाद की उपलब्धता भी नहीं है जिन समितियों में यूरिया खाद उपलब्ध कराए जाने का सरकार द्वारा निर्धारण किया गया है उन समिति संचालकों ने यूरिया खाद कालाबाजारी कर दी है जिससे किसानों को खाद की उपलब्धता नहीं हो पा रही है वही देवरी क्षेत्र में हजारों टन यूरिया खाद प्राइवेट खाद विक्रेताओं द्वारा कालाबाजारी के लिए अपने गुप्त गोदामों में कैद कर लिया है लेकिन कृषि विभाग के अधिकारी और प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी उन पर कार्रवाई करने की वजह उन्हें खुलेआम 4सौ से 500 की बोरी बेचने की खुली छूट दिए हुए हैं सूत्रों के अनुसार प्राइवेट खाद विक्रेताओं द्वारा कालाबाजारी की एवज में कृषि विभाग के अधिकारियों को मोटी रकम थमा दी गई है जिससे वह कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं वहीं उनके हित संरक्षण में जुटे हुए हैं यूरिया खाद न मिलने के कारण पूरे क्षेत्र में हाहाकार की स्थिति बन गई है किसान परेशान हैं और अब यूरिया खाद के लिए आमदोलन करने के लिए बेबस हो गए हैं शुक्रवार को भारतीय जन चेतना पार्टी के अध्यक्ष मुन्ना लाल लोधी के  नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम देवरी के माध्यम से एक ज्ञापन सौंपकर यूरिया खाद की संकट से निपटने और किसानों को हो रही आसुभिदा के लिए अवगत कराया उन्होंने मांग की खुले बाजार में सभी समितियों में और मंडी में किसानों की  मांग के अनुसार पर्याप्त मात्रा में यूरिया खाद उपलब्ध कराया जाए ताकि किसान समय से फसलों को संरक्षित कर सकें उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि यूरिया खाद उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो जल्द ही किसान उग्र आंदोलन छोडेंगे।
नाराज किसानों ने एसडीएम एवं तहसीलदार को घेरा
किसान अधिकारियों के सामने हाथ जोड़कर गिरा रहे हैं यूरिया दे दो साहब एक बोरी
 देवरी कला। यूरिया संकट से जूझ रहे किसानों का सब्र अब जवाब देने लगा है। बुधवार को हजारों की संख्या में किसान मंडी पहुंचे थे लेकिन उन्हें खाली हाथ घर लौटना पड़ा था जिस से नाराज किसान सुबह करीब 6 बजे गुरुवार को एसडीएम कार्यालय पहुंचे। संख्या में पहुंचे किसानों को देखकर अधिकारी सखपर का गए और उन्हें पुलिस को बुलाना पड़ा। प्रिया संकट को किसानों की नाराजगी को देखते हुए प्रशासन के तेवर नरम पड़ गए अधिकांश किसान दोनों हाथ जोड़कर गड़गिड़गिड़ाते रहे है ,श्रीमान एक बोरी यूरिया खाद दिला दो हम कभी खाद लेने नहीं आएंगे। बड़ी संख्या में किसान अपनी अपनी बात एस डी एम आर के पटेल और तहसीलदार कुलदीप पाराशर को सुना रहे थे ,कि सुबह 4:00 बजे से कृषि उपज मंडी में लाइन में लगे रहे और शाम 7:00 बजे तक उन्हें एक बोरी यूरिया भी नहीं मिला कब यूरिया मिलेगा हमें आश्वासन दे दो। पिछले 3 दिनों से भटक रहे किसानों को यूरिया ना मिलने से किसानों में भारी निराशा देखी गई। किसानों की परेशानी को सुन कर एसडीएम आर के पटेल भी यह बार-बार कहते गए कि हमारे हाथ में कुछ नहीं है खाद की  रेलवे स्टेशन पर आएगी और हमें सूचना मिलेगी तो हम उठा लाएंगे और दूसरे दिन खाद बटवा देंगे । यूरिया खाद हम नहीं बना सकते हैं। एसडीएम बार-बार किसानों से यह कहती रहेगी यदि किसी को ज्यादा जल्दी है तो वह गौरझामर से ले सकता है। पूरा अमला यूरिया खाद बटवानी में लगा हुआ है। हम पांच लोगों में से एक के फिंगर लेकर यूरिया खाद बटवा रहे हैं। एसडीएम यही कहते रहे कि हमें मजा नहीं आ रहा है कि हमारे पास यूरिया खाद रखा होता तो वह गोदाम खोलकर बटवा देते।