इटारसी जंक्शन मे यांत्रिक सफाई का ठेका लेने वाली डायनमिक कंपनी का मामला


*पश्चिम मध्य रेल्वे भोपाल मंडल के वाणिज्य विभाग के सिंघम की जबर्दस्त कारवाई*💥
*डायनमिक कंपनी की करतूतो का भंडाफोड*
*भारतीय रेलवे मे 100 के करीबन ठेके लेने की जनचर्चाये* 💥
💥 *भारतीय रेलवे मे जितने भी ठेके डायनमिक कंपनी ने लिये है उनके दस्तावेजो की भी जांच हो सकती है*💥
*भोपाल वाणिज्य विभाग  के इस खुलासे के बाद कंपनी के सभी ठेके रद्द कर रेल प्रशासन करवा सकता है उच्चस्तरीय जांच व कार्रवाई*💥
*सूत्र बता रहे है कि डायनमिक कंपनी ने भारतीय रेलवे मे जितने भी ठेके लिये है उनमे भी इस तरह के टर्नओवर के दस्तावेजो को लगाया गया है उन सभी ठेको मे लगाये समस्त दस्तावेजो की सूक्ष्म जांच कराकर अनियमितता पाये जाने पर कंपनी के मालिक सहित अन्य जिम्मेदारो पर भी कारवाई होना चाहिए*
*सूत्रो की माने तो कंपनी के भारतीय रेलवे में  100 के करीबन ठेके है*
*सूत्र तो यहा तक कह रहे है कि डायनमिक कंपनी मे रेल्वे के कुछ अधिकारी व कर्मचारी के भी जुडे होने की जनचर्चाये जोरो पर है*
*लेकिन पश्चिम मध्य रेल्वे भोपाल मंडल के वाणिज्य विभाग के एक ईमानदार और ऊर्जावान अधिकारी सीनियर डीसीएम अनुराग पटैरिया ने आज भारतीय रेलवे के लिये एक ईमानदारी की मिशाल पेश की है उनकी इसी ईमानदारी एव कर्तव्यनिष्ठा के कारण आज एक ऐसी कंपनी की करतूतो का पर्दाफाश हो सका*
*होशंगाबाद ।* गौरतलब रहे कि कलकत्ता की एक कंपनी डायनमिक जो भारतीय रेलवे में अपनी घुसपैठ कर बडे बडे ठेके ले सकती है तो उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कंपनी से जुडे लोग कितने पावरफुल होगे । बाबजूद जब पश्चिम मध्य रेल्वे भोपाल मंडल के सीनियर डीसीएम अनुराग पटैरिया ने डायनमिक कंपनी के दस्तावेजो मे हेराफेरी की अशंका के चलते जांच शुरू की तो उनके भी होश उड गये ऐसा सूत्रो का कहना है । सूत्रो की माने तो तीन साल के टर्नओवर संबधी दस्तावेज कंपनी ने सीए से जो टर्नओवर का प्रमाणपत्र बनवा कर दर्शाया था उनके टर्नओवर मे अंतर से ही मामला संदिग्ध लगा । जिसे सीनियर डीसीएम ने बडी गंभीरता से लिया और निडरता के साथ अपनी कर्तव्यनिष्ठा का परिचय देते हुए कंपनी के फर्जीवाड़े का भंडाफोड कर दिया ऐसी जनचर्चाये सर्वत्र व्याप्त है । गौरतलब रहे कि रेल्वे को चूना लगाने वाली इतनी पावरफुल कंपनी के दस्तावेजो की जांच जब महोदय कर रहे होगे तब उनकी हालत क्या रही होगी, उनकी भी रात की नींद और दिन का चैन हराम हो गया होगा क्योकि मामला छोटा नही है । बडा ही गंभीर मामला है क्योकि देश का बडा संस्थान है रेल्वे।  ऐसी स्थिति मे जांच अधिकारी के ऊपर कितना प्रेशर रहा होगा यह तो वो ही जाने। क्योकि कंपनी का ठेका इनके ही कार्यकाल मे वाणिज्य विभाग को अन्य विभाग ने ट्रांसफर किया था ऐसा सूत्रो का कहना है । लेकिन कंपनी के जिम्मेदारो को यह कतई एहसास नही रहा होगा कि । सीनियर डीसीएम अनुराग पटैरिया एक ईमानदार अफसर है ।वो बारीकी और समझदारी जिम्मेदारी से काम करने वाले अधिकारी है। उनका आई क्यू किसी आईएस, आईपीएस अफसर से कम नही है । आपको बता दे कि यह मामला रेल्वे बोर्ड सहित मुख्यालय जबलपुर जा सकता है । इस मामले मे बडी जांच एजेंसिया भी हाथ डाल सकती है । क्योकि मामला बेहद ही गंभीर है और भारतीय रेल संस्थान से जुडा हुआ है ।