देश में जन्माष्टमी कीधमाघरों-मंदिरों में गूंजे मुरलीधरकेभजन

देश में जन्माष्टमी कीधमाघरों-मंदिरों में गूंजे मुरलीधरकेभजन


 नई दिल्ली , एजेंसी जन्माष्टमी का पर्व पूरे देश में भारी धूमधाम और उत्साह से मनाया जा रहा है। जन्माष्टमी की तिथि को लेकर इस बार मतभेद है। कुछ लोग शुक्रवार को जन्माष्टमी मना रहे हैं, जबकि कुछ शनिवार को मनाएंगे। इस बार अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र का संयोग नहीं हो पा रहा है, इसलिए जन्माष्टमी 23 अगस्त और 24 अगस्त को मनाई जा रही हैकुछ ज्योतिषाचार्यों के अनुसार कृष्ण प्रगटोत्सव अष्टमी व्यापिनी तिथि 23 अगस्त को मनाना ठीक है, तो कुछ का कहना है कि जन्माष्टमी उदयातिथि अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र होने से 24 अगस्त को मनाई जानी चाहिए। जहां देशभर में जन्माष्टमी की तिथि को लेकर मतभेद है, वहीं पटनाइस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी का त्योहार शनिवार यानि 24 अगस्त को मनाया जाएगा। इस मौके पर मंदिर में 208 चांदी के कलश और तीर्थ जल व पंच गव्य से भगवान श्रीकृष्ण का जलाभिषेक होगा। वहीं मंदिर परिसर भगवान कृष्ण की लीला मनोहर प्रस्तुति देखने को मिलेगी। पंडित राकेश झा के मुताबिक शुक्रवार 23 अगस्त को अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र से युक्त अत्यंत पुण्यकारक जयंती योग में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। वहीं वैष्णव संप्रदाय व साधु संतों की कृष्णाष्टमी शनिवार 24 अगस्त को उदया तिथि अष्टमी एवं औदयिक रोहिणी नक्षत्र से युक्त सर्वार्थ अमृत सिद्धियोग में मनाई जाएगी। अष्टमी तिथि का आरंभ शुक्रवार सुबह 3-13 बजे से रात 3-17 बजे तक हैरोहिणी नक्षत्र शुक्रवार को मध्यरात्रि 12.09 बजे से आरंभ हो रहा है। जन्माष्टमी को लेकर देशभर में खूब तैयारियां चल रही हैं